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Neeraj pal

Abstract

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Neeraj pal

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लालसा।

लालसा।

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अन्तरमन की यही लालसा, हर्षोल्लास से भरा यह त्यौहार हो।

 सबके चेहरों पर हो प्रसन्नता, रंगो भरा सब का परिवार हो।।


 अपना -पराया सब भूल बैठें, द्वेष- घृणा रहित यह संसार हो।

 भूली- बिसरी सब छोड़ बैठें, आपस में प्रेम-रस का ज्ञान हो।।


 गिले-शिकवे को दूर कर, हृदय में भरा सिर्फ प्यार हो।

 गले लगा कर एक बार तो देखो, कितना सुंदर समाज हो।।


 मतभेद है करता सबके दूर, अमीरी- गरीबी का न भान हो।

 रंगत है लाती यह होली, भेद-भाव रहित यह त्यौहार हो।।


 गुलाबों की मदहोश खुशबू से, कांटों रहित मुस्कान हो।

 होली पर्व यह संदेश है देता," नीरज" सब का जीवन खुशहाल हो।।


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