लालसा।
लालसा।
अन्तरमन की यही लालसा, हर्षोल्लास से भरा यह त्यौहार हो।
सबके चेहरों पर हो प्रसन्नता, रंगो भरा सब का परिवार हो।।
अपना -पराया सब भूल बैठें, द्वेष- घृणा रहित यह संसार हो।
भूली- बिसरी सब छोड़ बैठें, आपस में प्रेम-रस का ज्ञान हो।।
गिले-शिकवे को दूर कर, हृदय में भरा सिर्फ प्यार हो।
गले लगा कर एक बार तो देखो, कितना सुंदर समाज हो।।
मतभेद है करता सबके दूर, अमीरी- गरीबी का न भान हो।
रंगत है लाती यह होली, भेद-भाव रहित यह त्यौहार हो।।
गुलाबों की मदहोश खुशबू से, कांटों रहित मुस्कान हो।
होली पर्व यह संदेश है देता," नीरज" सब का जीवन खुशहाल हो।।