लालबत्ती
लालबत्ती
रोज रोज रास्ता रोक लेती है
जाने नहीं देती है
लालबत्ती
जब चौराहे से गुजरता हूँ
बहुत बुरा लगता है
पर क्या करूँ
रुकना पड़ता है।
सबको ही रुकना पड़ता है
अमीर-गरीब, ऊँच-नीच
संत-महंत, युवा-जवान
बेबस हो जाते हैं
रुकने के लिए
जो नहीं रुकता यानी
लालबत्ती का नियम तोड़ता है
तो उसे सजा भुगतनी पड़ती है
जुर्माना देना पड़ता है।
कभी-कभी तो लालबत्ती के कारण
लोगों को जेल भी जाना पड़ता है।
उसकी दो और बहने हैं
पीलीबत्ती और हरी बत्ती
जाने तो पीलीबत्ती भी नही देती
सचेत करती है लोगों को
सावधान
मेरी प्यारी सबकी दुलारी
आप सबकी भी।
मेरी छोटी बहन
हरीबत्ती आने वाली है
जैसे ही हरीबत्ती आती है
लोग खुश हो जाते हैं
चल पड़ते हैं अपने गंतव्य को।
लेकिन
कैसी विडम्बना है समाज की
सबसे अधिक सम्मान
लालबत्ती का ही करते हैं
जब ये किसी मंत्री, संतरी या
नेता के वाहन संग होती है
तो पूछो नहीं
लोग देखते ही उसके लिए
रास्ता खाली कर देते हैं।
जो सरल होता है उसकी
उपेक्षा ही होती है तथा
जटिलता को
सम्मान मिलता है।