Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ram Chandar Azad

Tragedy

4.5  

Ram Chandar Azad

Tragedy

महिला दिवस

महिला दिवस

1 min
414


कब होगी महिला आज़ाद ?

कब होंगे सपने आबाद ?

भले सृष्टि की संरचना वह,

पर स्थान है पुरुष के बाद।।


कब तक वो परछाईं बनकर,

-साथ फिरेगी दासी बनकर।

संस्कार के जाल में कब तक

जुल्म सहेगी मन मसोसकर।।


निज जीने की दिशा मोड़कर,

सपनों की उड़ान छोड़कर।

जीना पड़ता है क्यों उसको?

अरमानों का गला घोंटकर।।


सदियों से ज़ुबान पर ताला,

पुरषों ने ही सदा से डाला।

लिंग -भेद का दंश सहा है,

असमानता का पीया पियाला। 


क्यों सहना पड़ता है उसको?

औरों के दुःख दर्द भी उसको।

कहने को देवी का रूप है,

 पर अपमान मिला है उसको।। 


कठपुतली बन क्यों जीएगी ?

गरल ताड़ना क्यों पीएगी ?

जागो महिला अब तो जागो,

फटी चदरिया तू क्यों सीएगी ?


महिला दिवस सार्थक होगा।

पुरुष साथ जब उसके होगा।

 मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर,

पुरुष साथ जब उसका देगा।।


Rate this content
Log in