लाजवंती
लाजवंती
मैं लाजवंती,
हाँ ! लाजवंती ही तो...
क्या से क्या हो गयी !
मेरे अपनों ने
मेरा ये हाल किया
कभी भविष्य ने
मेरे साथ फरेब किया
कभी वर्तमान
फरेब करने से नहीं चूका !
लाजवंती अतीत हो गयी...
हर बार किसी अपने के
फरेब के चलते !
इतने बरस
हर बार छली गयी,
प्रेम से, विश्वास से,
और आज हालात ये हैं के
कोई लाज ही ना रही...!
