STORYMIRROR

VIVEK ROUSHAN

Romance

4  

VIVEK ROUSHAN

Romance

क्यूँ लड़ते तुमसे

क्यूँ लड़ते तुमसे

1 min
242

क्यूँ लड़ते तुमसे लड़कर हम क्या करते

खफा तुम थे ही तुम्हें और खफा करते


तुम्हारी सब सुनी अपनी एक ना कही

इससे ज्यादा तुमसे हम प्यार क्या करते 


मैं था तुम थी और कुछ हमारे ख़्वाब थे

मैं वफ़ा कर रहा था तुम भी वफ़ा करते


तुमसे दूर रहना हीं मुनासिब समझा मैंने 

रुकते तो अपने दर्द को और सवा करते


वफ़ा से महंगी बिकती है जफा दुनियाँ में

मालूम होता यारों तो हम भी जफा करते!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance