Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shiv kumar Gupta

Romance

4  

Shiv kumar Gupta

Romance

क्यूँ हद से ज्यादा ऐतबार है

क्यूँ हद से ज्यादा ऐतबार है

1 min
380


क्यूँ हद से ज्यादा ऐतबार है उन पर,

क्यूँ जी करता है हर वक़्त मरना उन पर,

क्यूँ उनके होठों से निकली हर बात प्यारी है,

क्यूँ उनके गालों को चूमना अच्छा लगता है,


क्यूँ हर मूर्त में उनकी ही सूरत नजर आती है,

क्यूँ हर इबादत हर पूजा उन्हीं पर आती है,

क्यूँ दूर रहते हुए भी वो इतना नजदीक रहते हैं,

क्यूँ हर धड़कन मेरी उन्हीं के प्यासे रहते हैं,


क्यूँ मेरे दिल के आईने में उन्हीं की तस्वीर रहता है,

क्यूँ उन्हें गले लगाने को जी मचलता रहता है, 

क्यूँ उन्हीं की ख्वाबों में डूबे रहना अच्छा लगता है,

क्यूँ उनकी निशा में मदहोश होना अच्छा लगता है,


क्यूँ उनकी नजरों में मासूमियत झलकता है, 

क्यूँ उनकी हर बात पर मेरी दिवानगी रहता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance