जरूरतों से हम कितने अजनबी हैं और क्या क्या नाम दे रखा है उसका। जरूरतों से हम कितने अजनबी हैं और क्या क्या नाम दे रखा है उसका।
जब जरुरत होती है उसकी और उसके पास फुरसत ना हो तो...? तो उसकी दिवानगी परेशान करती है... जब जरुरत होती है उसकी और उसके पास फुरसत ना हो तो...? तो उसकी दिवानगी परेशान करती...
प्रेम में बहुत ताकत होती है उसके चलते सब ठिक ही होगा पर उसे खोने का डर सब भयंकर होता है पर सच्चा ... प्रेम में बहुत ताकत होती है उसके चलते सब ठिक ही होगा पर उसे खोने का डर सब भयंक...
दिवानगी की हद से आगे निकल जाना तेरा याद आ रहा है वो आँखों से बातें करना तेरा दिवानगी की हद से आगे निकल जाना तेरा याद आ रहा है वो आँखों से बातें करना तेरा