क्या कभी...
क्या कभी...
क्या कभी एेसा हुआ कि आपने किसी को खोया है?
क्या कभी एेसा लगा है अगर वह मुझसे दूर चला गया तो
मैं कैसे जी पाउंगी?
क्या कभी किसी को देखकर एेसा लगा है?
क्या कभी किसी को मिलने के लिए रविवार के आने का इंतजार किया है?
क्या कभी बात न होने पर गुस्सा आया है?
क्या कभी किसी को देखने के लिए ऑंखें तरसी है?
क्या कभी किसी को देखकर लगा है, हा यही वो शक्स है जिसका आप बरसो से इंतजार कर रहे हो?
क्या कभी किसी के न होने से बूरा लगा है?
क्या कभी उसके करिब न होने से तकलिफ हुई है?
कभी ना कभी किसी को लेकर एेसी भावनाए जरूर आई होगी
इसी को तो हम प्यार कहते है आखिर
जिसमें दिवानगी की कोई हद नहीं होती
पर उस इंसान को लेकर सच्चे दिल से प्रेम
प्रेम में बहुत ताकत होती है
उसके चलते सब ठिक ही होगा
पर उसे खोने का डर सब भयंकर होता है
पर सच्चा प्रेम हो तो अंत तक धडकेगा जरूर...
