अजनबीपन
अजनबीपन
जीवन अनुभव का एक अवसर है
अपने आस पास के बहते हुये परिवेश
और विचारों की बाढ़ में से
कुछ थोड़ा सा अपना लेना।
अपने लिये
अपने जीवन के लिये
और जीवन मे संतुष्टि और
आनंद के लिये।
जीवन की इस प्राप्ति का
संशाधन है अनुभव
सकरात्मकता की पहचान
और उसे अपना लेने का हुनर
जीवन को केंद्र में रखते हुये
उसे प्राथमिकता देते हुये।
यह एक अवसर होता है बदलाव का
और हमेशा इसे एक सनक के रुप मे
देखा जाता रहा है
कुछ लोग दीवानगी भी कहते रहे हैं इसे
पागलपन कहना तो आम बात है।
कभी कभी मैं सोचता हूँ
उम्र के इस पड़ाव पर
जो कुछ भी हो सकती है
सोचता हूँ कि
जरूरतों से हम कितने अजनबी हैं
और क्या क्या नाम दे रखा है उसका।
