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Meeta Khurana

Fantasy

4.7  

Meeta Khurana

Fantasy

क्यों याद आते हो तुम ??

क्यों याद आते हो तुम ??

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एक अजीब सी सिरहन 

दिल मे उठती है

आलम कुछ अस्त व्यस्त 

सा हो जाता है

कुछ मन मचल मचल 

सा जाता है

बोलो क्यों याद आते हो तुम


कोयल जब कूक उठाती है

दिल भी भाव विभोर हो जाता है

बारिश जब झड़ी लगाती है

दिल तरस तरस सा जाता है

बोलो क्यों याद आते हो तुम


रातो मे नींद नही आती है

चैन कही खो जाता है

यादे हूक उठाती है

नैना बरस बरस सा जाता है

बोलो क्यों याद आते हो तुम


आंखों में एक अक्स 

ठहर सा जाता है

ख्याल तेरा मुझे बेसुध

सा कर जाता है

जिस्म बिरह अग्नि मे

सुलग सुलग सा जाता है

बोलो क्यों याद आते हो तुम ?


तेरे सिवा कोई नाम याद

नहीं आता है

दिल हर पल तेरा नाम

गुनगुनाता है

दिल में कोई अरमा

मचल मचल सा जाता है

बोलो ना क्यों याद आते हो तुम ?

बोलो ना क्यों याद आते हो तुम ?


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