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Meeta Khurana

Fantasy

4.7  

Meeta Khurana

Fantasy

क्यों याद आते हो तुम ??

क्यों याद आते हो तुम ??

1 min
271


एक अजीब सी सिरहन 

दिल मे उठती है

आलम कुछ अस्त व्यस्त 

सा हो जाता है

कुछ मन मचल मचल 

सा जाता है

बोलो क्यों याद आते हो तुम


कोयल जब कूक उठाती है

दिल भी भाव विभोर हो जाता है

बारिश जब झड़ी लगाती है

दिल तरस तरस सा जाता है

बोलो क्यों याद आते हो तुम


रातो मे नींद नही आती है

चैन कही खो जाता है

यादे हूक उठाती है

नैना बरस बरस सा जाता है

बोलो क्यों याद आते हो तुम


आंखों में एक अक्स 

ठहर सा जाता है

ख्याल तेरा मुझे बेसुध

सा कर जाता है

जिस्म बिरह अग्नि मे

सुलग सुलग सा जाता है

बोलो क्यों याद आते हो तुम ?


तेरे सिवा कोई नाम याद

नहीं आता है

दिल हर पल तेरा नाम

गुनगुनाता है

दिल में कोई अरमा

मचल मचल सा जाता है

बोलो ना क्यों याद आते हो तुम ?

बोलो ना क्यों याद आते हो तुम ?


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