ख्वाब
ख्वाब
एक ख्वाब रखकर
भूल गई कही
यहाँ
नहीं नहीं
रखा तो था यही कही
सारी रात बीत गई उसको
अँखियों तक लाने में
पराया था क्या वो ?
अजनबी तो नहीं था कही ?
महसूस जिसे किया था
दिल के करीब
खो गया वो ही
सरककर यहीं कहीं।
एक ख्वाब रखकर
भूल गई कही
यहाँ
नहीं नहीं
रखा तो था यही कही
सारी रात बीत गई उसको
अँखियों तक लाने में
पराया था क्या वो ?
अजनबी तो नहीं था कही ?
महसूस जिसे किया था
दिल के करीब
खो गया वो ही
सरककर यहीं कहीं।