मै तेरी परछाई
मै तेरी परछाई
एक अजीब सा इत्तेफाक हुआ कल,,,,,
मुझे देखकर किसी ने तुम्हारा नाम पुकारा,,,,
मै ठहरी कुछ पल ,इधर -उधर तलाशा,,,
पर तुम तो दूर दूर तलक नही थे,,,,
घर आकर आइने में खुद को निहारा ,,,
तो सच ही तो पाया दुनिया को,,,,
मोहब्बत जिसे दिल से हो जाए ,,,
उसके अक्स में उसके महबूब को तलाश
लेते हैं लोग,,,,
आज दिल में कितना सुकून और चेहरे पर
एक प्यारी सी हँसी आई ये सोचकर
कि हाँ , मै तुम्हारी परछाई हूँ!