क्या यही मोहब्बत है
क्या यही मोहब्बत है
तुमने कहा कि तुमको
हो गई है मोहब्बत हमसे
मगर पहले ये तो बताओ
मोहब्बत होती क्या बला है
कहीं ये वह तो नहीं
जो रूठने से शुरु होता है और
खत्म होता मनाने पर
सुना है उसके बाद भी ख़त्म नहीं होता
शिकायतों का सिलसिला
और दिन शायद वह भी आता है फिर
जब कुछ भी हासिल किए बिना
जुदा हो जाते हैं रास्ते नई मंज़िल की तलाश में
अच्छा ये तो बताती जाओ
क्या सच में मोहब्बत बिछुड़ने का नाम है
अगर यही मोहब्बत है तो फ़िर
वो क्या बला है जब कुछ-कुछ होता है
दिल में किसी के लिए
आज जानना है मुझे भी कि
क्या तुम्हारी मोहब्बत भी वही है कि
सूरज उगा तो हो गई और शाम ढलते ही
खत्म हो गई, रास्ते भी हुए अलग
नहीं चाहिए ऐसी मोहब्बत
शुरु होने से पहले जहाँ
खत्म होने का इन्तज़ार होता है
मेरे लिए तो मोहब्बत वह अहसास है
शुरु तो होती है मगर ख़त्म कभी नहीं होती
जिसका न कोई आकार है
न ही कोई रंग रूप
जिसका सफ़र अंतिम सांस तक रहता है
एक बार हाथ किसी का थाम लिया
तो फिर टूटे न ये बंधन युगों-युगों तक
बस इतना ही पता है मुझे
मोहब्बत के बारे में