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Karan Soneji

Romance

4  

Karan Soneji

Romance

आज मेरी वो तलाश खत्म हुई

आज मेरी वो तलाश खत्म हुई

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जिस का मैंने ज़िंदगी भर इन्तजार किया, 

जिस को मैंने ज़िन्दगी से ज़्यादा चाहा,

जिस पे मैंने ख़ुद से ज्यादा भरोसा किया, 

ऐसे एक दोस्त की, 

हां आज मेरी वो तलाश खत्म हुई।


जिसका चेहरा देख मेरे चेहरे की मुस्कान आती है,

जिसकी हँसी देख मुझे खुशी मिलती है,

जिसकी बातें सुन कभी थकान महसूस नहीं होति,

जिसकी आंखें देख के मेरी सांसों में सांस आती है,

ऐसे एक दोस्त की, 

हां आज मेरी वो तलाश खत्म हुई।


हां उससे लडाई करके कुछ यूं सुकून मिलता है,

की जैसे इस दिल को एक खुश होने का ज़रिया मिल गया हो,

हां मुझे उनकी एक भी बात का बुरा नहीं लगता,

ना मुझे उनके गुस्से से बुरा लगता है,

ऐसे एक दोस्त की, 

हां आज मेरी वो तालश खत्म हुई।


वो मेरे लिए कुछ यूं खास है,

उनकी दोस्ती मेरी ये ज़िंदगी का एहसास है, 

उनको बयान करने के लिए लफ़्ज़ कम हैं,

अनु कहूँ, अनुष्का कहूँ, स्वीटू कहुँ या

दोस्त कहूं,

कभी ज़ुबान रुकती ही नहीं है,

ऐसे एक दोस्त की, 

हां आज मेरी वो तलाश खत्म हुई।


वो एक एहसास है, वो एक अनोखा प्यार है,

वो एक सुकून है, वो एक बंदगी है,

जिसे में अपने सारे राज़ बोल सकता हूँ,

जिसे में अपनी तकलीफ़े बयान कर सकता हूँ,

ऐसे एक दोस्त की, 

हां आज मेरी वो तलाश खत्म हुई।


बस अंत में इतना ही कहूँगा कि,

हां अनुष्का आप ही है वो मेरे दोस्त,

जिसकी मुझे सदियों से तालश थी,

हां ऐसे ही एक दोस्त की,

आज मेरी वो तलाश खत्म हुई।



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