STORYMIRROR

Karan Soneji

Abstract Inspirational

4  

Karan Soneji

Abstract Inspirational

पापा, एक कविता

पापा, एक कविता

2 mins
245

एक ऐसा शख्स जिसका मेरी ज़िन्दगी मैं एक अहम हिस्सा है,

जिसने अपनी ख़्वाहिशें अधूरी रख, मेरी ख़्वाहिशें पुरी की।

जिसने मेरे हर फैसले में मेरा साथ दीया चाहे वो सही था या गलत,

मुझे कभी नाराज न देखने का जिसने वो हाथ दीया।


हाँ जनता हूँ की आप बहुत ही कठोर हो जो आप बहार से दिखते हो,

पर ये भी जनता हूँ की मुझसे प्यार भी सबसे ज्यादा आप ही करते हैं।

लोग सच कहते है की अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पूरी होती हैं।

ख़्वाहिशें तो सिर्फ पापा के पैसों से पुरी होती थी।


हाँ मानता हूं की मैंने आपको कभी अपना प्यार नहीं जताया,

पर आज वो भी बयान कर देता हूँ।

यूं तो मेरे पास लफ्ज नहीं है आपको मेरा प्यार जताने के लिए,

पर आप मेरे लिए मेरे रब से कम नहीं हो।


की आपकी महानता की क्या तुलना करूँ, आपने जो किया मेरे लिए

उसे बयान कर आपका अपमान कैसे करूँ।

जब रात को निंद नहीं आती थी मुझे तो वो सर पर हाथ फेर जाते थे आप,

हां आज भी याद है कैसे मेरे लिए रात जाग कर मुझे सुलाते थे आप।


अंत में इतना कहूँगा की मेरे पास लफ्ज़ कम है

आपका शुक्रिया करने के लिए , शुक्रिया पापा, आपका

बहुत बहुत शुक्रिया मुझ जैसे नाकाबिल को क़ाबिल बनाने के लिए।

बस इतना जरूर कहूंगा की आप ही मेरी दुनिया हो,

आप ही मेरे दिल की धड़कन हो, और आप ही मेरे जीवन के आदर्श हो।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract