रंग बरसे..
रंग बरसे..
प्रेम का रंग उडाये आज कान्हा जी..
राधा जी के प्रीत से चले है बासुरी..
प्रेम के रंग में डूबगया संसार..
राधेश्याम की लीला है अपरंपार..
होली का मनभावन त्योहार लाया प्रीत की बरसात...
झूमलो सभी राधेश्याम जी के साथ..
थामा है प्रभू ने आज राधा रानी का प्रेम से ये हाथ..
प्रीत की पावन बेला है आई..
वृदांवन में आज स्वर्ग से हो रही देवताओ की रंगो से बौछार..
बिरज में बसने को देवता भी तरस रहे है आज..
प्रीत की हुई है पुकार..
राधारानी की सुनलो मधुर झंकार..
प्रेमरस में कर दो दुःख त्याग..
आया पावन होली का त्योहार...
बिरज से उडाये कान्हा जी संसार में रंगो की पिचकारी..
प्रेम रंग से खिलगयी धरती सारी..
आया पावन होली का त्योहार...