अमीर कौन
अमीर कौन
ए इनसान कभी जरा सुकून से बैठ के ये बात तू सोचना..
इस जहान में अमीर कौन और गरीब कौन ये हिसाब तू करना..।
अमीरी गरीबी के तराजू में तू....रिश्ते, दोस्ती, सच्चाई, बुराई,
मोहब्बत नफरत, कामयाबी, नाकामी, खुशी और गम को तोल के तो देखना..।
अमीर वो नहीं जिनकी जायदादों के चर्चे है..
इनसानियत की राह पर चलनेवाला हर इक इनसान अमीर है।
जिसके सच्चे दोस्त साथ है...वो हर दिन आबाद है..वो ना गरीब है...।
गरीब तो वो है जिनके पास सच्चे दोस्त और अपने नहीं है..।
सच्चाई के रास्ते पर तू चल के तू मोहब्बत का हिसाब रख...।
फिर ना कामयाबी की फिक्र कर...ना ही तू रख नाकामी का फिर कोई डर..।
खुशी और गम को जब तराजू में तू तोलेगा..
करम को तो ध्यान से ही तोलना...
खुशी और गम दोनों तेरे जीवन के कर्मों का फल है..
ये बात तू ध्यान से समझना..।
ए इनसान न कर घमंड किसी चिज का..
ये जहाँ भी है उस ईश्वर का..
ये जिंदगी भी ईश्वर की रहमत...।
सच्चाई के रास्ते चल..
न काम आया किसी की भलाई के लिए..
फिर भी कोई बात नहीं..
ना कर किसी की बुराई...।
रहना है सलामत तो ईश्वर की इबादत की कदर कर ..।
बख्शी है उसने जो जिंदगी उसी की कदर कर!!
