##एक##चतूर##चाय##
##एक##चतूर##चाय##
एक चतूर चाय......बड़ी होशियार.....
एक चतूर चाय....बड़ी होशियार....
करके श्रॄंगार....अरे...ओय....
एक चतूर चाय.......करके श्रॄंगार...
मेरे मन के द्वार में घुसत जाय....
एक चतूर चाय.....
तू क्यू करे अब विचार.....
ये तो है बड़ी बेमिसाल....
सा रे गा माँ....प..ध...नी...सा....
दूध,चिनी,..अरे....ओ.....ओ....
दूध, चीनी और थोड़ी चाय पत्ती....
अरे हा हा...
जब इसमें मिलत जाय....चाय बनत जाय....
अरे हा हा हा....
एक चतूर चाय बड़ी होशियार....
जब ये गरमगरम चाय.....
केटली से कप में जात.....
बशी लेकरं हम खड़े होत जात...
एक चतूर चाय....
हमारे कप और बशी में मिलत जाय...
हमरे सिरदर्द अब भागत जाय.....
अरे हा...हा.....हा...उम्..धूम्....धूम्...धूम्....
तू क्यू ना पिये ये अमॄत चाय.....
अरे....तू क्यू ना पिये ये औषधी चाय....
सा... रे.... गा....माँ...अरे हा हा हा
तेज बुखार, या उल्टी हो जाय....
जब भी तुझे कुछ होत जात....
अरे उसपर इलाज....
अदरक वाली एक चाय चाय....
एक चतूर चाय बड़ी होशियार...!!
हो जोर की बारिश या बड़ी थंडक...
गरम चाय और साथ में अदरक...
फिर पावे तेरे मस्तिष्क में ठंडक ..!!
एक चतूर चाय बड़ी होशियार....
जब भी किसी की याद सतावत....
जब भी आँसुओं से सिर चक्रावत....
हम एक कप चाय जरूर लेत जात....
हमारे दुःख दर्द फिर भाग जात....
हम हसत जात....अरे एक...एक ...ए..
एक चतुर चाय बड़ी होशियार....!!
लाल, काली, हरि हो या फिर नीली चाय...
हमरे मन के द्वार में घुसत जात....
हम हर रोज चाय को पित जात....
गाना अद्भुत ये सूचत जात...
हम सर सर ये लीखत जात...
हाथ में फिर एक चतूर चाय..
साथ में फिर ये शब्दनाद....अरे हा हा हा...
इससे कितने किस्से बनत जात....
हम अकेले में मुस्कुरात....
एक चतूर चाय बड़ी होशियार...!!!
गाना....पड़ोसन .. पिक्चर..एक चतूर नार बड़ी होशियार..