भारत के वीर
भारत के वीर
पुलवामा में शहीद सैनिकों के चरणों में शब्द प्रणाम....
इस सुनहरी धरा का सर्वोत्तम देश भारत देश हमारा है....🇮🇳
यहाँ की हर बूंद में मेरे गौरीशंकर का गंगा रुपी पवित्र जल है..
यहाँ के हर पवित्र जल में मिश्रित पावन आत्माओं की काया रुपी रक्षा है....!
वह पावन आत्मा कोई और नहीं हमारे शहीद वीरों की रक्षा है...!
भारतमाता की गोदी में खिलते है अनगिनत भारत के वीर सपूत हर रोज यहाँ....!
कोई भारतमाता के गले का हार,कोई चरणों की धूल...!
कोई भारतमाता के मुकुट में विराजते है....!
माँ के तो सभी सैनिक लाडले होते है किंतू जो शहीद होते है...!
वह भारतमाता के मुकुटमणी होते है...!!
हर भारतीय शहीद भारतमाता के चरणों में आत्मोत्सर्ग करके जीवन कृतार्थ करते है...!
ऐसे वीर सपूत एक वीर माँ की कोख से जन्म लेते है....!!!
और सही मायनों में पिता का नाम रौशन करते है...!! असामान्य व्यक्तिमत्व के वह धनी होते है...
देशभक्ती के संस्कारों के इञ उनके किरदार से झलकाते है.....!
जहाँ भी जाते है भारतमाता की सेवा में चार चांद लगाते है...!
इनकी वीर गाथायें भारतदेश का स्वर्णिम इतिहास रचते है....
और हम सब भारतवासी इनके चरणों में यह शब्द प्रणाम भेजकर दिल से याद करते है..
ऐसे ही इक बार आज ही के दिन(१४०२२०१९)का वह काल आंखों के सामने आता है..
बस याद करते ही ऑंखे नम हो जाती है.. !
शब्द निःशब्द हो जाते है....!!
कायरता से पुलवामा में हमारे शहीदों को बेरहमी से मारा था.....!
सच मानो उस दिन इन हैवानो नें भारतमाता का दिल दुखाया था.....!
रो रही थी माँ..बेटा बेटा,लाल,मेरे कान्हा कहकर वह बिलग बिलगकर रो रही थी......!
वह भयानक मंजर माँ कैसे सह पाती थी...!
क्रोधाग्नि में जलकर माँ शहीदो के खून से लतपत अपना आंचल देखकर आज भी तडपती है..!
वह हम सभी से यही कहना चाहती है.....!
ना बहाओ मेरे लाल या गुडीया का खून ऐसे ही ए कायर मानवता के दुश्मनो.....!
हो अगर सच्चे मानव तो जरा नयनों से कुछ अच्छा देखो....!
कानो में जरा हमारे शहीद परिवारों के दुःख की चित्कारियां सूनो.....!
हो सके तो मुह से जरा अच्छी बाते करकर अपना जीवन सूधारो....
इतिहास गवाह देता है.....
भारतमाता के हर शहीद सैनिक का खून असाधारण खून होता है.....!
ना सोचना की कभी मिटा पाओगे हमारे भारत के सैनिकी दल को.....
यह तो वह मानवता के जीते जागते दिये है....!!
जो खूद अंधेरे में जलकर देशवासीयों के जीवन में उजाला देते है....!!
भारतमाता कें हर बच्चे बच्चे का उज्वल भविष्य रचते है....!
देश की रक्षा में दिनरात भारतीय सैनिक लगते है....!
हो सियाचीन या हिमालय....
हो बारिश या कडकती धूप....
भारतीय सैनिक हर जगह डटकर हमेशा खडा रहता है...!!
होता है उसका कोमल ह्रदय और होती है तेजस्वी वाणी.....!!
उस शेर की दहाड सूनकर दुश्मन ढेर हो जाते हैं.....!!
उस शेर के ऊपर सवार होता है माँ दुर्गा रुपी भारतमाता का आशिष.....!
जहाँ भी जाता या है लढता...
वह होता है भारतमाता का लाडला...
जैसा भी वापस माँ के आंचल में वह दौडकर आता है...
आत्मोत्सर्ग करकर वह परमोच्च सेवा प्रदान कर कर देशसेवा की मिसालें रचता है.....!!
ना तोल सकते हैं इस योगदान को किसी तराजू में...
ना खरीद पाओगे कभी हमारी देशभक्ती को...
इस दुनिया में ऐसा कोई अमीर हीं नहीं...
जो कभी खरीदेगा हमारे हौसलों को...
कान खोलकर याद रखना ए मानवता के दुश्मनो..
करलो कितने भी प्रयास ..
ना जीत पाओगे मानवता के सच्चे दूतो से कभी...
होंगे इस दुनिया में कई सौदागर पर भारतमाता की आन बान और शान पर कैसे आच आये..
यह सौदा जिसने है किया..
इतिहास गवाह है वह मिट्टी में मिला है...!
ज्यादा कुछ नहीं पुलवामा की दुर्भाग्यपुर्ण घटना ही इसका जवाब है...!
अब भी कान खोलकर फिर से सुनना ए भारतमाता के दुश्मनों ..
तूम तो रोज गुजरते होंगे पुलवामा की रोड से...
पर याद रखना..
वह हर एक भारतीय शहीद पुलवामा में जिस ने आत्मोत्सर्ग किया है....
वह टिमटिमाता तारा बनकर नभ में..
'भारतमाता की ऑंखो का तारा'....!
आज भी दिनरात देता है पहरा..
करता है वह भारतमाता की जय ये दिनरात पुकार..
और सारे भारत देश में गुंजती है...
उन शहीदों की वीर गाथाओं की ललकार...!!
निःशब्द मैं और मेरी भावनाएं.....!!
सभी वीर शहीदों को देश की एक बहन का यही है शब्द प्रणाम....
स्वीकार करे यह आपकी वीरगाथा शब्द प्रणाम...
डॉ.गौरी प्र.निरखी देती है अब अपनी कलम को विराम..|
जयहिंद..
भारतमाता की जय
वंदे मातरम्