क्या ये कम नहीं !
क्या ये कम नहीं !


मुझे वो याद करे या न करे मुझे कोई गम नहीं !
मैं उसे हरपल धड़कन में रखता हूँ क्या ये कम नहीं !
दिल्लगी की है वो मुझसे, मोहब्बत करती है वो मुझे,
ऐसा हो ही नहीं सकता कि उसे मेरी जरा गम भी नहीं !
शायद वह अपनी भावनओं को मेरे लिए ही बचाती हो।
बोलने में जरा हिचकिचाती हो,मुझसे शरमाती हो !
>मगर वो ऐसा है ही नहीं।
वो तो हँसमुख नटखट, जिंदादिल शरारती है।
अपने प्रेमरूपी वाण से मुझे ही घायल कर डालती है।
मुझे वो याद करे या न करे मुझे कोई गम नहीं
मैं उसे हरपल याद करता हूँ और रहूंगी क्या ये कम नहीं
हाँ क्या ये कम नहीं !