क्या लिखूं?
क्या लिखूं?


जिसे दिल में रखा
उसके दिल तोड़
जाने से,
हमसफ़र का वादा करके
सफर में छोड़
जाने से,
क्या लिखूं
बेसरम, बेहया, हरजाई के
मुँह मोड़ जाने से,
इस तरह भीड़ में
तन्हा छोड़
जाने से,
क्या लिखूं
छोटे से ज़ख्म को
नासूर कर
जाने से,
इस दिल में सुरूर कर
जाने से,
क्या लिखूं
दिलो-ओ-दिमाग़ में
बस उसका ही
ख्याल,
सुबह -शाम
बस एक ही
सवाल,
लिखूं भी या
ना लिखूं,
उसे अच्छा भी
लगेगा या नहीं,
पता नहीं
कागज के मासूम से
सवाल से,
क्या लिखूं