"क्या खोया क्या पाया 2020 में"
"क्या खोया क्या पाया 2020 में"
कोरोना का क़हर आया,
अपने साथ मुसीबतें लाया,
गाड़ियों के पहिये रुके,
विश्व की गति जाम हो गयी,
आर्थिक व्यवस्था ठहर गयी,
आसमान में उड़ता इंसान,
कमरों में कैद हुआ,
हँसते हुए चेहरों पे,
मास्क का पहरा हुआ,
आत्मविश्वास डगमगाया,
मौत ने ताँडव मचाया,
सच पूछो तो इंसान बौराया,
2020 ने इंसा को अकेला बनाया,
इंसा को समझाया,
अकेला आया था अकेला ही जायेगा,
"शकुन" अंत समय जब आयेगा,
खुद को अकेला पायेगा ।।