STORYMIRROR

Aishani Aishani

Tragedy

4  

Aishani Aishani

Tragedy

क्या जानना चाहते हो..!

क्या जानना चाहते हो..!

1 min
392


क्या जानना चाहते हो..?

क्या बचा है 

और ..

क्या...??

चले आना किसी रोज़

उसी गली के

हवेलीनुमा दिखने वाले 

उसी खंडहर में...,

याद है ना 

उसका पता..?

यहीं तुम्हारे हर सवाल का जवाब मिलेगा

उसके हर ईंट पर ही नहीं /

वहां जर्जर पड़े हर समान पर /

ज़र्रे - ज़र्रे पर पड़ा मिलेगा तुमको जवाब /

वहीं आ जाना अपने शंका के समाधान के लिए

और कुछ तो नहीं होगा वहाँ 

सिवाय सिसकियों के 

जो भर दिया था तुमने गाहे बगाहे 

एक हंसते खेलते ज़िंदगी में 

और फ़िर चल दिए थे..

आज अचानक ही 

फ़िर ..

क्या जानने की चाहत निकाल आई..???



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy