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MS Mughal

Drama Others

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MS Mughal

Drama Others

क्या हुआ चाहती है

क्या हुआ चाहती है

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दस्त ए जान ए हीना खु रेज़ हुआ चाहते है 

चश्म ए जान ए जहां रुस्ता ख़ेज़ हुआ चाहते है 


खु रेज़ ( कातिल ) 

रुस्ता ख़ेज़ ( कयामत का दिन ) 


लड़खड़ाते हुए मय ए कुहन मयखाना ए यार में 

रंग ब रंगी जाम ए सुबु लबरेज़ हुआ चाहते है 


मय ए कुहन ( पुरानी शराब ) 


बे पर्दा तर्ज़ ए हुस्न ए यार तर्ज़ ए दिलबरी में 

तर्ज़ ए जुल्फ रेज़ ख़ेज़ ए बला रेज़ हुआ चाहते है 


तर्ज़ ए जुल्फ रेज़ ( अदा से जुल्फ बिखेर कर ) 

ख़ेज़ ए बला रेज़ ( उठ कर बर्बाद करने वाला ) 


गुल को गुलशन से बहार को चमन में बिखेर कर 

वो गुंचा ए लब बर सर ए शर अंगेज़ हुआ चाहते है 


बर सर ए शर अंगेज़ ( बद मआश, उपद्रवी ) 


हर सु गवगा ए बर सर ए शर अंगेज़ में 'हसन'

वो बे दिल ए जां नसीहत आमेज़ हुआ चाहते है 


गवगा ए बर सर ए शर अंगेज़ ( बद मआश के हंगामे , उपद्रव बढ़ा कर ) 

नसीहत आमेज़ ( सलाह, सुलह, समझोता ) 



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