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Sneha Srivastava

Tragedy

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Sneha Srivastava

Tragedy

क्या आप खुश है ?

क्या आप खुश है ?

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बैठे हैं आईने के सामने

झूठी मुस्कुराहट की लकीर लेकर

दिल पूछता है अपने ही वज़ूद से

क्या आप खुश हैं।

बड़ी महफ़िलों में लगने वाली

पैसों की छोटी नुमाइश पर

दिल पूछता है अपने ही वज़ूद से

क्या आप खुश हैं।

तरक्की की मंज़िल पर

समझौतों के रास्तों से

दिल पूछता है अपने ही वज़ूद से

क्या आप खुश हैं।

छोड़ कर सच्ची मोहब्बत की गलियों को

दिखावे की मोहब्बत के महफ़िलों में

दिल पूछता है अपने ही वज़ूद से

क्या आप खुश हैं।


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