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DrGoutam Bhattacharyya

Abstract Inspirational others

4.5  

DrGoutam Bhattacharyya

Abstract Inspirational others

क्या आप धार्मिक हैं ?

क्या आप धार्मिक हैं ?

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लोगों में, आज, धर्म के प्रति इतना कम आकर्षण क्यों है?

ऐसा इसलिए, क्योंकि इसे 'ध्यान' से अलग कर दिया गया है।


यदि कोई व्यक्ति गंभीर रूप से धर्म के प्रति इच्छुक पाया जाता है।

"क्या वह कट्टरपंथी तो नहीं है?" आशंका से भौंहें तन जाता है।


धर्म अब आंतरिक अनुरूपता से बिलकुल जुड़ा नहीं है,

अनुष्ठानों की धूमधाम और महिमा, केवल बाहरी उल्लास है।


राख के नीचे दबी, तो 'चिंगारी' अपनी ताकत खो देती है,

राख हटने पर ही, आग की लपटें फिर से प्रकट होती हैं।


'ध्यान' वह कार्य है जो पूरीतरह राख को बहा देता है,

जो हटाने में सफल हो जाता है, प्र

काश प्रकट होता है।


ऐसा ध्यान तो केवल व्यर्थ है, यदि परिवर्तन न हो,

इसे आपके विचारों को शुद्ध या धारणा को बदलना चाहिए।


शरारती बच्चा भी गहरी नींद में शांत रहता है,

शरीर भिन्न है, मन भी भिन्न, लेकिन चेतना एक है।


सच्चा ध्यान, आपको आगे बढ़ने में मदद करता है, 

कोई पसंद या नापसंद नहीं, कोई लालसा या उपेक्षा नहीं।


आग में 'सोना' सभी मैल से एकदम शुद्ध होता है,

'ध्यान' जीवन और आचरण में एक चमक प्रदान करता है।

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