कुमकुम
कुमकुम
झुमका महावर मेहंदी बिंदिया।
पायल बिछुआ हाथों में चूड़ियां।
घर में आई है लक्ष्मी हमारी।
बहु रानी है कितनी प्यारी हमारी।
माथे पर कुमकुम सजा रहे।
सिंदूर मांग में चमकता रहे।
बहुरिया तुम्हारे आने से
यह घर आंगन महकता रहे।
सासु मां की फुलवारी का सबसे सुंदर फूल बन कर आई हो तुम।
घर में सब के सपनों में रंग भरने आई हो तुम।
मायके में भले ही थीं तुम पराया धन।
लेकिन आज तो अपने ही घर में आई हो तुम।
तुम्हारे आने से नई उम्मीद जगी।
घर का कोना कोना महक उठा।
अपना सर्वस्व सासू मां ने तुम्हें उपहार में दिया।
बस अब से तुम ही जलाओगी
इस घर के मंदिर का दिया।
