कुछ तो है....
कुछ तो है....
कुछ बात है तो दे बता।
कुछ राज है तो खोल दे।
कुछ तो दिल की सुना।
कुछ तो कर दे बयां।
कुछ ना बताना तेरा मुझे।
देर ना कर दे कहीं।
कुछ अगर माना हो मुझे।
तो मुझसे छुपाना छोड़ दे।।
तेरे मेरे दर्मियां।।
ये फासले कब हो गए।
कुछ तो जता कर देख।।
हम पराए कब से हो गए।
साथ देंगे न तेरा।
ये ख्याल दिल में लाना छोड़ दे।
यूं शिकन माथे पर तेरे।।
भाई है ना भाती है मुझे।।
तू रूबरू तो हो कभी।
अब छुपना, छुपाना छोड़ दे।
इतना लड़कपन बस बहुत है।।
खुद की ही जी हुजूरी बंद कर।।
देख सच का आईना।।
सपनों में जीना छोड़ दे।।
कर मुकाम हासिल कोई।।
औरों के पीछे जाना छोड़ दे।।
बनाना है कुछ तो रुतबा बना।।
अब घुट के जीना छोड़ दे।।
जिस राह पर तू चल पड़ा।।
उस राह जाना छोड़ दे।
सोच तू पहले था क्या ?
जो था वही बनके दिखा।।
कुछ तो अब मेरी सुन।
कुछ तो अब अपनी सुना।।
बस अब बहुत हुआ।।
नजरें चुराना छोड़ दे।
कुछ बात है तो दे बता।।
कुछ राज हैं तो खोल दे।।