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Sukant Suman

Abstract

4.0  

Sukant Suman

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मेरी माँ

मेरी माँ

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यूँ ही तुम्हारी गोद में,

सर रख निहारता रहूँ ।

तुम्हें आखिरी सांस तक मेरी माँ,

मेरी आँखें खोजती रहे ।

तुम्हारे चेहरे पर पड़ने वाली

हर उन झुर्रियों का इतिहास,

जिसके पीछे मेरा बचपन छिपा है 

और तुम्हारा उत्सर्ग!

     


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