Sukant Suman

Classics Inspirational

4.4  

Sukant Suman

Classics Inspirational

आओ मिल कर वृक्ष लगाएँ

आओ मिल कर वृक्ष लगाएँ

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आओ मिलकर पेड़ लगाए 

हरा भरा सर्वत्र बनाए !


अभी सर्वत्र मचा हाहाकार है 

प्राणवायु की कमी से सब लाचार है।।

कहीं कालाबाजारी तो कहीं

आसमान छूता दाम ले रहा व्यापारी। 


वृक्ष बिना धरा अधूरा 

जैसे वस्र बिन मानव अधूरी

वृक्ष ही फल बरसाए

आओ मिलकर पेड़ लगाए।।


लोग लोलुपता के चक्कर में 

करता रहा छेड़छाड़ प्रकृति से। ।

अब झेल रहा संकट 

प्राणवायु के अभाव से।।


गर अब भी नहीं रुका 

वनों की अंधाधुंध कटाई।।

तो जल्द ही लड़ना पड़ेगा

जिंदगी और मौत की लड़ाई।।


आओ मिलकर सौगन्ध खाएँ

पर्यावरण को स्वच्छ बनाएँ।

धरती माँ को तृप्त करें 

आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।।


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