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bhandari lokesh

Abstract

3  

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पागल लड़की -2

पागल लड़की -2

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एक पागल सी लड़की है

जो बात बहुत ही करती है,

में रूठ भी जाऊं इक पल को

बरसात बहुत ही करती है,

वो हंसती है तो फूलों में

खुशबू सी खिल उठती है,

रोती है तो बारिश भी

रिम झिम करके बरसती है,

वो गाती है तो सरगम भी

सुर तालों में सज उठती है,

और मौन रहे तो लफ्जों को

दुनिया तरसती है,

वो शरमाती तो छाँव भी

संध्या सी झुक जाती है,

और खोले वो पलक अचानक

तो किरणें रूप दिखाती हैं,

वो हंसती है वो गाती है

सवाल बहुत ही करती है,

बस पागल सी लड़की है

जो बात बहुत ही करती है!


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