कुछ रिवाज़ों को बदलते हैं
कुछ रिवाज़ों को बदलते हैं
कुछ रिवाजों ने तो बिलकुल अति कर दी है,
ऐसा लगता है भ्रष्टा सब की मति कर दी है !
रूढ़िवादी परंपरा का हम क्यूं निर्वहन करें,
क्यों नहीं बदलाव की एक नई दुनिया गढ़ें !
संयमित जीवन की एक श्रृंखला बनाते हैं,
नए इतिहास को रच नहले पर दहला बनाते हैं!
संघर्ष जीवन का चाहे कितना भी बढ़ जाए,
पर हम मानवीय मूल्यों को सहेजकर रख पाएं !