हनुमत -स्तवन
हनुमत -स्तवन
वीर हनुमान जी भक्त की आस हैं।
देव रहते सदा भक्त के पास हैं।
संकटों के सघन मेघ छाते कभी,
प्रभु महावीर करते त्वरित ह्रास हैं।।
अंजनी लाल को नित नमन कीजिए।
आसुरी वृत्तियों का शमन कीजिए।
राम के दूत हैं शक्तिशाली बड़े,
स्नेह से भाव से नित भजन कीजिए।।