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Neerja Sharma

Drama

3  

Neerja Sharma

Drama

कठपुतली

कठपुतली

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कठपुतली 

धागों में बंधी 

अपने से जूृझती 

इशारों पर नाचती 


आजादी को तड़फती 

बेबस मज़बूर रहती सोचती

कैसे तोडूँ इन बँधनों को

हो जाऊँ मैं आजाद


करूँ कुछ मन का

प्रसन्न होकर 

जीऊँ मैं

कठपुतली।


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