करवाचौथ
करवाचौथ
करवाचौथ की पावन बेला आई, खिला है आज हर सुहागिन का श्रृंगार,
हर आंगन उतर आया है एक चाँद जमीं पर, पिया का कर रहा इंतजार,
पति की उम्र हो लंबी, करवा माता से होती यही कामना हर सुहागिन की,
सुख दुःख में साथ चलें, साथ रहें, ख़त्म न हो कभी खुशियों की झंकार।।
करवाचौथ है व्रत अखंड सौभाग्य का, रिश्ते में प्यार और विश्वास का,
चाँद का इंतजार तो मात्र एक बहाना, यह तो इंतजार है एहसास का,
खनकती चूड़ियों में, मेहंदी के रंग में, बिंदिया, काजल और पायल में,
खूबसूरत सा रंग नज़र आता है हर मोड़ पर, हमसफ़र के साथ का।।
गौरी शंकर सी हो जोड़ी हमारी और सात जन्म मिले एक दूजे का साथ,
जीवन सफ़र में हर कदम तेरे कदमों संग चले, तेरे हाथों में हो मेरा हाथ,
मेरे कुमकुम की महक हो तुम, मेरी चूड़ियों की खनखनाहट तुम से ही,
तुम से ही खिला हुआ जीवन उपवहन मेरा तुम हो तो हर लम्हा है खास।।
व्रत है आज करवा चौथ का, दुआ है यही जब तक जीऊँ रहूँ सुहागिन,
कोई पल न जीवन का ऐसा आए, जहाँ चलने को मजबूर हों तुम बिन,
उम्र हो लंबी हमारे प्यार और विश्वास की, सुख में, दुःख में हम साथ रहें,
रुठ जाएँ भले एक दूजे से हम पर दूर कभी न हों मांगूँ मैं यही हर दिन।।