Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

ritesh deo

Abstract

4  

ritesh deo

Abstract

तुमने मुझे अपना बनाया

तुमने मुझे अपना बनाया

1 min
323


तुमने मुझे अपना बनाया है....


मुझे ना मालूम थे तौर तरीके इस दुनिया के,

तुमने मुझे जीना,

इस दुनिया में रहना सिखाया है,

जब थे मेरे सब अपने पराए हो गए,

उस वक्त तुमने मुझे अपना बनाया है!!


मैं रहता था ख़ामोश,

जब अक्सर चिंता में,

तब तुमने मुझसे उस ख़ामोशी में भी कुछ न कुछ बुलवाया है,

जब थे मेरे सब अपने पराए हो गए,

उस वक्त तुमने मुझे अपना बनाया है!!


जब दिखता नहीं था मुझे दूर दूर तक कोई उम्मीद की किरण,

उस परिस्थिति में तुम "ज्योति" बनकर मेरे जीवन में आती थी,

कैसे करूं मैं तुम्हारा शुक्रिया अदा इस नज़्म से,

तुमने हर पल मुझे अपना मुरीद बनाया है,

जब थे मेरे सब अपने पराए हो गए,,

उस वक्त तुमने,

हां! सिर्फ़ तुमने ही मुझे अपनाया है!!

 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract