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अलविदा आख़िरी मूलाकात बेवज़ह कहा चले गये घाट मुझे एहसान किया है छुआ क्या है वापिस कब आओगे बातें पत्ते संभाला है टूटा पेड़ मैंने सावन मिलना गीला चुप इबारत

Hindi तुमने Poems