मसल कर उन चट्टानों को, माटी से तू मिला दे। मसल कर उन चट्टानों को, माटी से तू मिला दे।
बारिश का पानी उस छत को चीर कर अंदर की सतह को गीला कर रहा है। बारिश का पानी उस छत को चीर कर अंदर की सतह को गीला कर रहा है।
जब मिलना ही न था हम बस मिलते रहे अल्फ़ाज़ों के साथ जब मिलना ही न था हम बस मिलते रहे अल्फ़ाज़ों के साथ
मोरनी का नृत्य अब तक क्यों रुका नहीं, पल्लवों के रिमझिम को समझा उसने बरखा यही। मोरनी का नृत्य अब तक क्यों रुका नहीं, पल्लवों के रिमझिम को समझा उसने बरखा यही...