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Nivish kumar Singh

Inspirational

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Nivish kumar Singh

Inspirational

सफलता

सफलता

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माटी के इंसान, खुद को तू पहचान। 

भरी है जो ऊर्जा तेरे अंदर, उसको अब बाहर निकाल। 

नहीं ऐसा कोई चट्टान, जो टूटे न टकराने से। 

मसल कर उन चट्टानों को, माटी से तू मिला दे। 

अपने मेहनत के खून पसीने से, उन चट्टानों को गीला कर दे, 

अब इसमें धान का विरा लगा, फिर देख खेत कैसे हरियाली से झूमेगी।      



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