ये दिल है की हर हाल में जिंदा है, मसल जाता है, कुचल जाता है, मुरझा जाता है, रौंद के चले जाते है लोग ये दिल है की हर हाल में जिंदा है, मसल जाता है, कुचल जाता है, मुरझा जाता है, रौंद...
मसल कर उन चट्टानों को, माटी से तू मिला दे। मसल कर उन चट्टानों को, माटी से तू मिला दे।
जब वो आह भरेगा छाया में न जाने कितने गुनाह हो गए जब वो आह भरेगा छाया में न जाने कितने गुनाह हो गए