मिले तुम तो हसरतों की शमा़ पुरज़ोर जलने लगी। मिले तुम तो हसरतों की शमा़ पुरज़ोर जलने लगी।
प्रश्न सूचक निगाहें नश्तर चला जाती हैं प्रश्न सूचक निगाहें नश्तर चला जाती हैं
यहां पर खण्डहर की दीवारों पर , खुद का तराशा नाम ढूंढते हम यादों की बारिशें भिगोती हरदम, यहां पर खण्डहर की दीवारों पर , खुद का तराशा नाम ढूंढते हम यादों की बारि...
यादें भी बड़ी अजीब होती हैं दुःख सुख दोनों से मुलाकात करवाती हैं और यादों के प्यारे, चमकीले मोती, ले ... यादें भी बड़ी अजीब होती हैं दुःख सुख दोनों से मुलाकात करवाती हैं और यादों के प्या...
कभी जन्म जन्मांतर तक सिर्फ़ आँखों से निभा दिए जाते हैं सब रिश्ते। कभी जन्म जन्मांतर तक सिर्फ़ आँखों से निभा दिए जाते हैं सब रिश्ते।
अहम् के संग टूट रहा है दिनभर रातभर जो मुझे नश्तर चुभोता वो संगी अब रहा नहीं अहम् के संग टूट रहा है दिनभर रातभर जो मुझे नश्तर चुभोता वो संगी अब रहा नह...