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Shehla Jawaid

Drama

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Shehla Jawaid

Drama

रिश्ते

रिश्ते

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रिश्ते बनते और बिगड़ते रिश्ते

लेते ही जन्म बन जाते हैं ये रिश्ते

मरते दम तक रहते हैं ये रिश्ते

कभी खून के कभी प्यार के।


कभी एहसास के कभी सिर्फ़ साथ के

कभी बेनाम तो कभी सिर्फ़ नाम के

रिश्तों में हो एहसास

तो बन जाते हैं वो ख़ास।


रिश्ते जो जीते हैं दर्द साथ

होते हैं वो दिल के सदा पास

वक़्त के मारे भी होते हैं रिश्ते

जो चुभते हैं जीवन भर नश्तर बनके।


रिश्ते ऐसे जो दहलीज़ के भीतर ना आ पाए

तो कुछ रिश्ते जो दहलीज़ में ही ख़त्म हो जाए

कभी पराए से लगते हैं ये रिश्ते

कभी मन में घर कर जाते हैं ये रिश्ते।


कच्ची धूप से भी होते हैं रिश्ते

वक़्त के साथ गहरे और पक्के होते हैं रिश्ते 

कभी टूटे खून के रिश्ते भी पल में

तो कभी जन्म जन्मांतर तक सिर्फ़

आँखों से निभा दिए जाते हैं सब रिश्ते।


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