मैं ठीक हूँ
मैं ठीक हूँ
कितना कुछ पता चल जाता है
जब कोई कहता है मैं ठीक हूँ
जब कोई नज़र नीची करके कहता
पता चल जाता है असीम दर्द का
मैं ठीक हूँ,जब कोई नज़र मिला कर कहता
पता चलता है दर्द जिगर के पार है
मैं ठीक हुँ जब कोई लापरवाही से कहता
पता चल जाता कितनी परवाह की ज़रूरत है
मैं ठीक हुँ जब कोई ग़ुस्से से कहता
पता चल जाता है कितना चिढ़ा हुआ है
मैं ठीक हूँ जब कोई हँसते हुए कहता है
पता चल जाता है बात को हँसी में उड़ाना चाहता है
मैं ठीक हुँ जब कोई रोते हुए कहता
उसका दर्द दिल को चीर रहा है पता चल जाता है
मैं ठीक हुँ जब कोई सोच के कहता
कितना परेशान है पता चल जाता है
मैं ठीक हुँ जब कोई पीठ मोड़ के कहे
पता चल जाता है वो बताना नहीं चाहता
और अंत में मैं ठीक हुँ जब कोई प्यार से कहता
पता चल जाता वो वाक़ई ठीक है
सो मैं ठीक हुँ!
