STORYMIRROR

Shehla Jawaid

Inspirational Others

3  

Shehla Jawaid

Inspirational Others

स्त्री

स्त्री

1 min
53


  

ना प्यार से ना तकरार से

ना पिया के अनुराग से

स्त्री तुम बँधी हो 

केवल अपने सपनों के संसार से


जीत से ना हार से 

ना पल-पल रंग बदलती

इस दुनिया के व्यवहार से

स्त्री तुम बँधी हो 

केवल अपने सपनों के संसार से


ना जुड़ाव से ना बिखराव से

ना जीवन के उतार चढ़ाव से

स्त्री तुम बँधी हो 

केवल अपने सपनों के संसार से


ना शृंगार से 

ना बहते हुए कजरे की धार से 

स्त्री तुम बंधी हो 

केवल अपने सपनों के संसार से 


ना अमीरी से ना ग़रीबी से

ना दुनिया से ना समाज से 

नारी तुम बँधी हो

केवल अपने सपनों के संसार से


ना धर्म से ना अधर्म से 

ना किसी पाखण्ड से 

स्त्री तुम बँधी हो 

केवल अपने सपनों के संसार से 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational