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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"हम जीएंगे"

"हम जीएंगे"

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जिंदा है, तो हम जीएंगे।

जहर जिंदगी का पीएंगे।

कब तक परीक्षा लेगी जिंदगी,

एक दिन इसको पास करेंगे।

जितना तपता है, स्वर्ण अग्नि में।

उतना खरा होता ज्वलंत स्थिति में।

कुछ हालात ऐसी है, अपनी भी।

जैसे 32 दांतों मध्य जीभ बसी।

फिर भी हम तो संघर्ष करेंगे।

शूलों में गुलाब बनकर खिलेंगे।

बस भीतर अग्नि बुझने न देना।

एकदिन सूर्य को शर्मिंदा करेंगे।

देखते कितना जोर परिस्थितियों में।

हम परिस्थितियों को अनुकूल करेंगे।

हम इस ज़माने किसी से न डरेंगे।

लक्ष्य हेतु रात-दिन परिश्रम करेंगे।

अपने हौसलों से आज, हम उड़ेंगे।

आसमान का जमीं से स्पर्श करेंगे।



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