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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"श्री रामनवमी"

"श्री रामनवमी"

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न सर्दी न गर्मी, चैत्र शुक्ल तिथि नवमी

इसको ही कहते है, हम लोग रामनवमी

इसी दिन अवतरित हुए थे, प्रभु श्री राम

भारत में अवध की पवित्र पुण्य जमीं


श्री रामजी मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये

प्रभु श्री राम आप तो थे, मर्यादा के धनी

समंदर भले ही लांघ ले, अपनी मर्यादा

पर प्रभु श्री राम ने न त्यागी मर्यादा, कभी


उन्होंने दुष्ट, अत्याचारी रावण को मारा

सत्य की बसाई, लोगों के दिलों में जमीं

प्रभु श्री राम आप थे, सबके ही आदर्श

ये बात हमने तो अपने पूर्वजों से सुनी


हनुमानजी के श्री राम जी है, स्वामी

भक्तवत्सल प्रभु श्री राम है, अंतर्यामी

भक्तों के लिए, प्रभु श्री राम सौम्य है

पर दुष्टों के लिये, श्री राम जी है, सुनामी


पिता के वचन निभाने गये, आप वन

शबरी मां के झूठे बेर खाये थे, सभी

श्री राम साथ लेकर चलते, जन सभी

उनका जन्मदिन मना रहा, विश्व तभी


आओ श्रीराम जी के बताये रस्ते पर चले

और खिलाये द्वेषता शूलों में बंधुत्व कली



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