"मां के जैसा कोई न दूजा"
"मां के जैसा कोई न दूजा"
मां के जैसा हो न सकता कोई दूजा
मां ही हो सकती, ईश्वर का रूप दूजा
मां शब्द में ही समाया अस्तित्व समूचा
ईश्वर ने मां को ही चुना, सृजनकर्ता दूजा
मातायें तो इतनी ममतामयी होती है
उनके आगे दरिया गहराई कम होती है
भले ही वो खुद भूखी सोती है
पर संतानों को खिलाती रोटी है
संतानों को खुश देखकर खुश होती है
माँ इस अंधेरे जीवन की ऐसी ज्योति है
वो खुद जलकर, हमको रोशनी देती है
मां तो ईश्वर से भी ज्यादा दयालू होती है
उसे ओर कहीं जाने की जरूरत नही
जिसने भी अपनी मां की रोज पूजा
ईश्वर को जब अपना रूप देने का सूझा
मां शब्द ही उनके जेहन में होगा, गूंजा
मदर्स डे पर स्टेटस लगाने से अच्छा
घर में जाकर सच में पूछो, मां की इच्छा
यदि वो प्रसन्न, फिर शूल में खिलेगा, सुमन
मां को बुढ़ापे में, तेरा साथ चाहिए बच्चा
जिसने माँ को भोजन, पानी को पूछा
फिर उसकी बदकिस्मती का ताला, टूटा
मां के जैसा हो नहीं सकता कोई दूजा
मां की सेवा करो, पाओगे मेवा अनूठा