STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

4  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"हिंदी नववर्ष"

"हिंदी नववर्ष"

1 min
17


आ गया अपना, चैत्र हिंदी नववर्ष

मन में लाओ, आज सब अति हर्ष

करो, सबसे पहले आज प्रभु दर्श

फिर बड़ो का आशीर्वाद लो, सहर्ष


गुड़, नीम प्रसाद लेकर, मनाओ नववर्ष

जिंदगी तो अच्छी-बुरी यादों का कर्ज

चैत्र नववर्ष में होता, प्रकृति परिवर्तन

चैत्र नववर्ष में, प्रकृति पहने वस्त्र, नूतन


हमारा हिंदी नववर्ष है, एक ऐसा पर्व

इसमें शामिल है, खुशियां बिना ही शर्त

हिंदी नववर्ष को कहते है, विक्रम संवत

ईसा पूर्व से चला, हमारा नववर्ष उत्कर्ष


प्रकृति बदलाव बताता, हिंदी नववर्ष

हिंदी नववर्ष दुनिया के लिए है, आदर्श

इसदिन से शुरू होते, नवरात्रि सुखद

आ गया है, हमारा चैत्र हिन्दी नववर्ष


आओ अपनी संस्कृति पर करे, हम गर्व

जिसने दिए वैज्ञानिक प्रमाणिक, कई पर्व

हमारी सनातन संस्कृति तो है, सर्व समर्थ

जिसने समझा अर्थ, बना वो जीवन स्वर्ग



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama