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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"चुनावी व्यवस्था"

"चुनावी व्यवस्था"

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चुनावी व्यवस्था में हुआ, चलो कुछ तो सुधार

टोकन की व्यवस्था से हुआ, कुछ तो चमत्कार

अबकी बार कार्मिक हुए नही ज्यादा परेशान

आसानी से हल्का हो गया, मतपेटियों का भार


अन्य लिफ़ाफ़े वगैरह से भी जल्द हुए आजाद

साथ मे हमें गर्मी अमृत, छाछ का मिला स्वाद

माननीय जिलाधीश नमित जी को, दे धन्यवाद

उनकी व्यवस्थाएं, रखेंगे हम सब कार्मिक याद


माननीय जिलाधीश से करते इतनी फरियाद

जब जाएं, चुनाव करवाने बस में कई दल साथ

चुनाव बाद, 2 घण्टे बाद भी न करे कार्य से संवाद

उस दल को अन्य दल से आप रखे बस आजाद


उस दल के आलस्य की सजा न भुगतें, सब दल

जिंन्होने समय पर कार्य कर, किया हो आह्लाद

ऐसे कर्महीन दलों को सजा दे, जिलाधीश जी

ताकि वो कर्मवीर दलों का वक्त न करे, बर्बाद


बाकि जिलाधीश जी का बहुत-बहुत धन्यवाद

जिन्होंने चुनाव में व्यवस्था की, रुकने की रात

यह चुनाव टोकन व्यवस्था के कारण रहेगा, याद

जिसके कारण हम कार्मिक जल्द हुए, आजाद



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