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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

खुदा की मर्जी

खुदा की मर्जी

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न कहो तुम हम को काफिर, हम तुमको ही चाहते है,

तुम से नजर मिलाकर, हम फितरत के करिश्मे बनें है।


न कहो तुम हमको आवारा, हम दिन रात तुमको ढूंढते है,

तुम को पाने के लिये, हम नगर की गली गली में भटकते है।


न कहो तुम हमको मवाली, हम तुमको दिल में रखते है,

तुम्हारी धड़कन को सुनकर, हम इश्क का तराना गाते है।


न समझो तुम हमको गरीब, हम इश्क के शहंशाह है,

इश्क की अमीरात में तुमको, हमारी मल्लिका मानते है।


न रहो हमसे तुम दूर, हम तुम्हारे नैनों के आईने में रहते है,

"मुरली" सिमट जाओ बांहों में, यह खुदा की ही मर्जी है।



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